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This article provides a paragraph on air especially writetn in Hindi language.
वायु हमारे चारों और सभी स्थानों पर पाई जाती है । वायु जिसमें हम सांस लेते हैं, रंगहीन एवं पारदर्शी होने के कारण हमें दिखाई नहीं देती । पदार्थों के जलने, श्वसन एवं प्रकाश संश्लेषण जैसी अनेक क्रियाओं के लिए वायु अत्यन्त आवश्यक है । पृथ्वी पर वायु के कारण ही जीवन संभव है, अन्यथा पृथ्वी भी सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तरह निर्जीव होती ।
वायु एक मिश्रण है:
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वायु में पाई जाने वाली मुख्य गैसें नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन हैं, इनके अतिरिक्त थोड़ी मात्रा में अक्रिय गैसें, कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प तथा धूल के कण भी पाए जाते हैं । कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प तथा धूल के कणों की मात्रा ऊँचाई एवं स्थान के साथ बदलती रहती है ।
वायु के अवयवों को सरलता से पृथक किया जा सकता है, तथा क्रियाशील अवयवों की पहचान भी की जा सकती है । आइए वायु के विभिन्न अवयवों को पहचानने हेतु कुछ साधारण क्रियाकलाप करें । वायुमण्डल में जलवाष्प की मात्रा को वायुमंडल की आर्द्रता कहते हैं । वर्षा के दिनों में तथा जलाशयों के समीप वायु में नमी की मात्रा अधिक होती है । इसी कारण वर्षा के मौसम में गर्मी की अपेक्षा कपड़े देर से सूखते हैं । वायु में ऑक्सीजन की उपस्थिति:
हम सभी जानते हैं कि वायु का एक प्रमुख अवयव ऑक्सीजन (21%) है, जो पदार्थों के जलने एवं जीवों के श्वसन के लिए आवश्यक है । मोमबत्ती अथवा अन्य किसी वस्तु का वायु में जलना तथा ढक देने पर बुझ जाना वायुमंडल में ऑक्सीजन की उपस्थिति दर्शाता है । इसी प्रकार वायुमंडल में धूल के कणों की उपस्थिति भी हम सरलता से जान सकते हैं ।
वाय में धल के कणों की उपस्थिति:
किसी अंधेरे कमरे में छेद से आती हुई सूर्य की रोशनी का अवलोकन करने पर हमें उसमें बारीक कण तैरते हुए दिखाई देते हैं जो कि वायुमंडल में धूल के कणों की उपस्थिति दर्शाते हैं ।
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वायु में नाइट्रोजन की उपस्थिति:
नाइट्रोजन वायु में सबसे अधिक मात्रा (78%) में पाई जाने वाली गैस है । किन्तु कम क्रियाशील होने के कारण इसकी उपस्थिति साधारण प्रयोगों द्वारा नहीं जानी जा सकती ।